५.दास तुम्हारो आस और (विषय) की, हरो विमुख गति को झगरो | राधे किशोरी दया करो शाम लाडली दया करो |
६.कबहुँ तो बरसाओगी करुणा ,कबहुँ तो देखोगी इतकू कबहुँ तो डरोगी चरनन कबहुँ तो विचरोगी मो मन इसी भाव ते द्वार पढ़ो , मान में इचा लिए खाड़ो राधे किशोरी दया करो शाम लाडली दया करो || संतो की प्यारी दया करो भक्तो की प्यारी दया करो दीनो की प्यारी दया करो माधव की प्यारी दया करो वृषभानु दुलारी की प्यारी दया करो बाबा की प्यारी दया करो हम सब की प्यारी दया करो मेरी भी प्यारी दया करो राधे किशोरी दया करो शाम लाडली दया करो |